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ज़िंदगी झेलने के लिए नहीं, खेलने के लिए है || आचार्य प्रशांत (2024)

2024-09-29 5 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:<br />https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant #fear #aloneness #stress #lonely <br /><br />वीडियो जानकारी: 09.02.2024, वेदांत संहिता, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग: <br />~ सर, अकेलेपन से घबराती हूँ, क्या करूँ?<br />~ हर समय डर लगा रहता है कि सब कुछ छिन गया तो?<br />~ अकेलेपन का डर बहुत सताता है, इसको कैसे दूर करूँ?<br />~ जीवन से चिंता और परेशानी कैसे दूर करें?<br />~ हम दुनिया को अपने सर पर क्यों चढ़ने देते हैं?<br /><br />वीडियो का कुछ अंश:<br />चिंता और परेशानी के पीछे आपका स्वार्थ होता है। <br />दुनिया की चीज़ों को सर मत चढ़ने दो, न मान को, न अपमान को, न सुख को, न दुख को।<br />आपकी चीज़ें छिन गईं, या रिश्तों में कुछ हो गया, या इज़्ज़त लोगों ने देनी बंद कर दी, तो आपको लगेगा कि आपका अस्तित्व ही मिट गया, यह नहीं होना चाहिए।<br />तुम्हारी चिंताएँ, असुरक्षा, और डर, ये सब तुम्हारी ज़िन्दगी को दीमक की तरह चाट जाएँगे। <br />सुरक्षा की मांग उसको ही होती है, जो पराई चीज़ें पकड़कर बैठा होता है।<br />जो मुक्त है, सिर्फ वही मौज में है। <br />जो चीज़ अपनी नहीं है, उसकी कीमत क्या होगी? तनाव, चिंता। <br />अगर हम किसी चीज़ को खोने को लेकर के बहुत आशंकित हैं, तो बहुत संभावना यह है कि हम उस चीज़ के लायक भी नहीं है।<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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